29 Mar 2013

भूत-प्रेत-भूतिनी-प्रेतिनी साधना सिद्धि॰


मै और मेरे भाई हम दोनों सन २००८ मे उज्जैन मे थे,वह स्मशान ज्यो माँ क्षिप्रा जी के तठ पर है मौजे अत्यधिक प्रिय है,उस स्मशान मे एक स्मशान भैरव जी का मंदिर है,इस मंदिर मे जुओ मूर्ति है उसकी एक खासियत है-मूर्ति आधी पाताल लोक मे है और आधी भूतल पर है,आप इस मूर्ति को चाहो जितना सिगरेट पिलाओ कम ही है,मै २-३ घंटे तक स्मशान भैरव जी के विग्रह को सिगरेट पिलाया था,यहा पे रात्रि मे कुछ विशेष ही साधक साधना मे बैठे दिखते है,इस स्मशान को महाकाल जी का वन भी कहा जाता है,कहेते है की इसी स्मशान से भस्म महाकाल जी के भस्म-आरती मे भेजी जाती है,इस स्मशान मे आज भी महाकाल-महाकाली जी का नृत्य होता है,इस दृश्य को देखने के लिए बहोत अधिक ऊर्जा का सहाय्यता स्मशान भैरव जी से लेना पड़ता है, भूत-प्रेत-भूतिनी-प्रेतिनी साधना सिद्धि मैंने सिर्फ एक ही मंत्र के माध्यम से महाकाल वन मे की थी और इस साधना के माध्यम से मुझे कुछ क्षण तक यह मनमोहक अद्वितीय दृश्य सदगुरुजी की कृपा से देखने मिला,क्यूकी जब भी मै नृत्य देखने की इच्छा रखता तो इतर योनीया बीच मे आड़े आती थी और मुजे बहोत ज्यादा तकलीफ भी देती थी,इसलिये मैंने पहिले भूत-प्रेत-भूतिनी-प्रेतिनी को वश मे कर रखा था,यह मेरे लिये तो सदगुरुजी भगवान का प्रेम-मय आशीष था......

भूत प्रेत के बारे में सुनकर तो विश्वास नहीं होता है लेकिन जब सामना होता है तब लगता है की हाँ ये भी बिचारे इस दुनिया के ही बशिंदे है .. आपलोग भी इनसे मिलेगे तो इनका भी मन लगा रहेगा .. आखिर है तो ये भी उसी इश्वर के बनाये हुए .. दोस्त के दोस्त और दुस्मनो के दुश्मन …वैसे भूत शब्द स्वयं में अत्यंत रहस्यमय है और उसी प्रकार उनकी दुनिया भी उतनाही रहस्यमयी है।.

जरा सोचिए एक ऐसी ताकत जो आपको ना तो नुकसान पहुंचा रही है न ही आपके लिए कोई परेशानी खड़ी कर रही है लेकिन फिर भी उसका दिखाई ना देना आपके लिए कितना भयावह है…।
भूत-प्रेत, पिशाच, आत्माएं इन सब से जुड़ी बातें जितनी ज्यादा रोमांचित करती हैं उतनी ही सिहरन और भय का माहौल भी बनाती हैं. रात के समय इन आत्माओं का अगर जिक्र भी छिड़ जाए तो भी चारों तरफ डर और भय का माहौल बन जाता है. बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो इस अंधेरी दुनिया और काले साये जैसी बातों पर भरोसा नहीं करते लेकिन एक सच यह भी है कि अच्छे के साथ-साथ बुरा भी होता है. अगर हम ईश्वर पर विश्वास करते हैं तो हमें पिशाचों पर भी विश्वास करना होगा, नहीं तो सत्य से मुंह फेरने वाली बात ही होगी. आपने ऐसे बहुत से लोगों को देखा या उनके बारे में सुना होगा जो इन्हीं काले सायों के जाल में फंस जाते हैं।मै आज वही विधान दे रहा हू जो प्रामाणिक है और इस साधना से मैने अनुभव प्राप्त किया हूआ है।



साधना विधी-विधान:

किसि भी अमावस्या के बाद आपको इस साधना के लिये ११ दिन का रात्रिकाल मे समय देना है समय रात्री मे १०:३० बजे का होगा,और एक वट-वृक्ष का पौधा किसी भी गमले मे अभी से लगाकर रखे ताकि आप साधना घर मे ही कर सकेगे । काला आसान/वस्त्र साधना मे आवश्यक है,काली हकीक माला भी,उग्र सुगंधित इत्र का व्यवस्था पहेले से ही करके रखना है,साधना से पूर्व ही गुरु मंत्र का जाप अधिक से अधिक कर लेना है क्यूकी यह साधना अत्यधिक तिष्ण मानी जाती है,कमजोर हृदय वाले साधक गलती से भी इस साधना को करनेका प्रयास न करे तो बेहतर होगा ।
मंत्र इस प्रकार है....


॥ ॐ ह्रौं क्रौं क्रौं क्रुं फट फट कट कट ह्रीं ह्रीं भूत प्रेत भूतिनी प्रेतिनी आगच्छ आगच्छ ह्रां ह्रीं ठ ठ ॥



आप लोग ही साधना को सम्पन्न करनेका तारीख निच्छित करे,क्यूकी साधना शुरुवात करने के बाद किसी भी कारण की वजेसे बंद नहीं कर सकते..................



Ghost-Bhutini-Pretini spiritual accomplishment.

I and my brother we were in Ujjain in 2008, the cemetery 'Jyo mother-in-law of Kshipra socks Tt is highly esteemed, in the' cemetery is a cemetery 'Bhairav ​​temple of living, the temple idol Guo her a typical Forms Hades statue in half and half is on the ground floor, smoke and drink as much as you want at this statue is only 2-3 hours' cemetery Bhairav ​​I was fed live to the Deity of cigarettes, here on a special night out on the spiritual seeker is perched, the cemetery 'One of the law known as Mahakala, is called the' cemetery consumed the ash-ritual of Mahakala is sent to live, even today in the cemetery 'is the dance of Mahakala, Mahakali law, the scene bringing more energy to see the cemetery 'Bhairav ​​Shayyta has to live, ghost-Bhutini-Pretini through Mahakala mantra meditation accomplishment I only had one in me through this technique up to the moment it adorable unique visual Sdguruji was pleased to see, whenever I dance Kyuki desires to see in between the other Yoniya was hampered by Muze also used to garner trouble, so I Bhutini first ghost-in-hand to make Pretini was placed, it was a blessing for me so Sdguruji God's love-summer ......

Ghost phantom hearing about but does not believe it is the face of the think yes even the poor of the world, meet them if they mind Bsinde .. The Aplog there will also .. After all, these same God homemade .. friends of friends and enemies ... The ghost Dusmno word itself is very mysterious, and so too the world is mysterious Utnahi ..

Imagine a force neither is hurting you or causing any trouble for you but you still do not see what is so frightening ....

Ghosts, vampires, spirits attached to these things all the more thrilled that offers the same vibe and the atmosphere of fear. If the mention of these spirits at night around even if provoked fear and becomes an atmosphere of fear. If we believe in God, we must believe in vampires, not the true turning point will be the mouth. You have a lot of people who saw or heard these dark shadows falling in the same legislation am giving today, let's have the authentic experience I gained from this technique has happened.

Silence mode-legislation:

Kisi this practice for 11 days after the new moon in the Nighttime is the time to time will be 10:30 in the night, and plant a fig tree in a pot, so you just keep putting off doing it in practice home Skege. Black simple / Clothing is necessary in practice, black Hkik beads, hot perfume by itself to keep the system in advance, practice before you have to master more than chant Kyuki this practice is considered highly Tishn, weak The heart of the believer by mistake, this practice

Do not try to be better.

People on the right to conclude the practice to Nichchit, after beginning practice beacause
any reason you can not stop ..................

आदेश ......

28 Mar 2013

Paarad padmaavati .






सदगुरुजी ने जनवरी १९८६ के मासिक पत्रिका मे कुछ आवश्यक बाते लिखी है ज्यो पदमावती साधना के विषय पर है और मैंने उन्ही बातों पे ध्यान केन्द्रित किया,जिस दिन वह साधना पढ़ी है उसी दिन से मानस मे एक बात तो ठान ली थी जीवन मे पदमावती विग्रह बनाउगा,इस विग्रह को मैंने ३-४ बार बनाया था परंतु मूजे विग्रह मे कोई विशेषताये महेसूस नहीं हुआ था,फिर एक दिन जैन मुनियो से मुजे चर्चा करनेका अवसर प्राप्त हुआ.......उन्होने मुजे एक बात समजाया जब भी आप येसा कोई विग्रह बनाना चाहो तो प्याज एवं लहसुन का त्याग कर देना फिर ज्यो विग्रह आप बनाओगे उसे हमारे पास प्राण-प्रतिष्ठा के लिए भेज देना,यह जैन मुनि मेरे लिये गुरुतुल्य ही है,इन्होने मुजे जीवन मे शुद्धता का अर्थ समजाया,आज इन मुनियोकी उम्र ७० साल से ज्यादा है,इनका सारा जीवन लोगो की सेवा मे ही गुजर रहा है,सदगुरुजी के आशीर्वाद से मुनियो ने मुजे पारद पदमावती जी का गोपनीय मंत्र प्रदान किया,इसे ही मै अपना सौभाग्य मानता हु और साथ मे यह आज्ञा प्रदान की पारद पदमाती जी के मंत्र का जाप अक्षय तृतीया के दिव्य अवसर पे शुरू करना है........... इस आज्ञा को प्राप्त करते ही मेरे पास कुछ साधकोने इस दुर्लभ विग्रह को प्राप्त करवाने का आग्रह किया है.........मै भी यही कामना करता हु माँ भगवती से येसा दुर्लभ विग्रह सभी को प्राप्त हो और जीवन मे साधकोकी प्रत्येक इच्छा पूर्ण हो॰
मैंने अपने जीवन मे जीतने भी विग्रह बनाये वो सारे के सारे चुनौती के साथ ही प्रदान किए है,हर विग्रह पे चुनौती देता हु अगर इस अमुक विग्रह से अमुक कार्य या अमुक साधना मे सिद्धि प्राप्त नहीं हुयी तो पूरे पैसे वापस......आज फिर एक बार पारद पदमाती जी के विग्रह पर चुनौती दे रहा हु ईस विग्रह को स्थापित करने के बाद साधक के जीवन मे धन का समस्या है या कमी हैयह शब्द नहीं रहेगा,आज ही साधक अपना साल भर के कमाई का अंक मुजे बता दे और विग्रह स्थापित करने के बाद दुगनी धन वृद्धि नहीं हुयी तो पैसा वापस,साधक का जीवन समृद्धमय नहीं बना तो दुगने पैसे वापिस कर दुगा,प्रत्येक कार्य मे सफलता मिलेगा,शायद ही येसा कोई जैन धर्म का कोई भाई/बहन होगा ज्यो पद्मावती साधना न करे या पद्मावती मंत्र न जानता हो.......इसीलिए आज जैन धर्म अधिक समृद्ध और व्यापारिक दृष्टि से पूर्ण है,जैन साधना से तुरंत चमत्कार और प्रभाव देखने मिलता है,और शीघ्र ही सिद्धि की अनुभूति होती है………..
मै तो गारंटी के साथ बोलता हु अगर साधक के जीवन मे आर्थिक उन्नति नहीं हुआ तो विग्रह का पूर्ण न्यौच्छावर राशि वापस कर दुगा,पारद विग्रहो पे सिद्धिया प्राप्त की जाती है न की साधना कक्ष का शोभा बढ़ाने के लिये कोई पारद विग्रह होता है....
मेरा स्वप्न पैसा कमाना नहीं है इसिलिये मै इन विग्रह का राशि किश्तों मे भी स्वीकार करता हु भले ही मेरा नुकसान क्यू न हो?मै नहीं चाहता हु के मुजे लोग व्यापारी बोले ।

25 Mar 2013

पदमावती साधना




अब तो अपना भाग्य लिख ही लो मेरे प्यारे भाई ओ,आपको कलम सदगुरुजी देगे और स्याही माँ पदमावती जी,इस साधना के बाद जीवन मे धन का कमी कभी नहीं होगा ये तो मेरा गारंटी है,कर्जा भी शीघ्रता से उतरने लग जायेगा,हर क्षेत्र मे आप उन्नति के पथ पर रहोगे,मै अपनी अनुभूतिया होली के बाद आप सभी के अनुभूतियों के साथ ही शेयर करुगा,मै कल संकल्प ले रहा हु अगले वर्ष आनेवाले होली के महापर्व तक मूजे करोड़पति बनना है,संकल्प लेना है तो लेना ही है और करोड़पति बनना है तो बनना ही है,कितने दिनो तक यही चलेगा नौकरी करो और १ महीने तक तनखा का इंतेजार करो,जब पैसा आये तो बाट दो,कैसा जीवन है ये................
इसलिये मैंने मन बनाया इस होली पे पदमावती साधना करने का,ताकि आधा-अधूरा जीवन पूर्ण हो जाये साथ मे सारा मनोकामना भी पूर्ण हो जाये................

साधना:-साधक पूर्व की और मुख करे,बाजोट पर पीले रंग का वस्त्र बिछाये,वस्त्र पर पदमावती यंत्र स्थापित करे,सम्भव हो तो माँ पदमावाती जी के दुर्लभ पारद विग्रह के चित्र को  फ्रेम करवाकर स्थापित कीजिये,अपनी मनोकामना पूर्ति का संकल्प करे,गणेशजी और सदगुरुजी का पूजन करे साथ मे ४ माला गुरुमंत्र जाप करे और यंत्र का सामान्य पूजन करे और यंत्र पर लाल/पीले रंग का पुष्प अर्पित करे॰
आसन/वस्त्र ज्यो भी आपके पास हो,समय शाम ७ बजे से लेकर सुबह ५:४० तक  

दहीने हाथ मे जल लेकर विनियोग कीजिये


विनियोग:- 



    अस्य श्री मंत्र राजस्य परम देवता पदमावती चरणाम्बूजेभ्यों नम:।ॐ श्री पदमावती मंत्रस्य सुरासुर विद्याधर दक्षिणामुर्ते नागेंद्र महाऋषी: निचर्द्दगायत्री न्द:। श्री महासुर सुंदरी पदमावती देवता । कमलबीजं वाग्भवां महाशक्ति: । प्रणव कीलक । धरमार्थ काम मोक्षार्थ निरुपद्रवाय प्रसन्नार्थे विनियोग:॥



स्फटिक/मूंगा माला से किसि भी एक/दो मंत्र का ज्यादा से ज्यादा जाप करे.......


विविध सम्पदा प्राप्ति मंत्र-



॥ ॐ ह्रीं श्रीं धरनेन्द्र पदमावती बल पराक्रमाय नम: ॥



इस मंत्र से धन का प्राप्ति होता है

भोजपत्र पे केसर से मंत्र लिखिये और बोजपत्र पदमावती जी के विग्रह के चरनो मे रख दीजिये,रोज सुबह या किसी भी समय जो आपको उपयुक्त हो उस समय १०८ बार मंत्र जाप कर लीजिये.दिशा-पूर्व होनी चाहिये.......


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मनोकामनापूर्ति मंत्र-



॥ ॐ नमो पदमावती सर्वकामना सिद्धिं ह्रीं ह्रीं नम: ॥



इस मंत्र से इच्छा पूर्ण होता है,परीक्षा मे भी पास होता है॰


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कार्य सिद्धि मंत्र-



॥ ॐ ह्रीं पदमे नम: ॥



इस मंत्र से सोचा हुआ हर कार्य पूर्ण होता है॰


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भय निवारण मंत्र-



॥ ॐ ह्रीं पद्म वज्रे नम: ॥



इस मंत्र से समस्त प्रकार का भय समाप्त होता है॰


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वशीकरण सिद्धि मंत्र-



॥ ॐ ह्रीं भ्रां ह्रीं पदमे षोडश भुजे प्रौं ह्रुम ह्रुम नम: ॥



इस मंत्र सिद्धि से किसि भी स्त्री/पुरुष का वशीकरण किया जा सकता है॰

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रोग मुक्ति मंत्र-



॥ ॐ ह्रीं धरनेन्द्र पद्मावती विद्या सिद्धि क्लीं श्रीं नम:॥



इस मंत्र से निश्चय ही समस्त रोगो से मुक्ति मिलता है॰


आप सभी को इस होली के महापर्व पर ढेर सारा शुभकामनाये..........

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तान्त्रोक्त पारद पदमावती साधना



मंत्र-





॥ ॐ नमो पदमावती पद्मतनये लक्ष्मी दायिनी वांछा भूत-प्रेत विन्ध्वासिनी सर्वशत्रु संहारिणी दुर्जन मोहिनी ऋद्धि सिद्धि क़ुरू कुरु स्वाहा ॐ क्लीं श्रीं पदमावत्यै नम:॥





वस्त्र-लाल,दिशा-दक्षिण,मूंगा माला से रात्री मे ११ बजे जाप करना है ३ माला ७ दिन तक और ८ वे दिन हवन कर लीजिये॰


बीज मंत्र उच्चारण

ह्रीं क्लीं श्रीं  ह्रुम – hreem kleem shreem hrum. 






विग्रह प्राण-प्रतिष्ठा मंत्र

ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ब्लूं ऐं श्रीं पदमावती देव्यै अत्र अवतर अवतर तिष्ठ तिष्ठ सर्व जीवानां रक्ष रक्ष हुं फट स्वाहा



श्री सदगुरुजीचरनार्पनमस्तु.................. 








23 Mar 2013

क्रियाकल्प-१



आज का दिवस बड़ा ही आनंद दायक है,और हम सब मे स्नेह पूर्वक प्रेम भी॰ तो येसे अवसर को बेकार नहीं जाने देना चाहिये॰आज यहा पे मेरी कोशिश रहेगी के आपको सभी साधना मे सफलता मिले॰ यहा पे ज्यो क्रिया दे रहा रहा हु इस क्रिया का अभ्यास मै 6-7 सालो से आज भी करता हु,आप भी यह अभ्यास करे ताकि इस क्षेत्र मे आपको अधिक से अधिक सफलता प्राप्त हो,और साथ मे
गुरुकृपा भी॰

१-इच्छाशक्ति, २-आत्मबल , ३-सम्मोहन , ४-कुंडलिनी शक्ति की कृपा

यह वो ४ क्रिया ये है जिनके माध्यम से साधना मे शत प्रतिशत सफलता मिलती है,

१-इच्छाशक्ति: जब आप किसी भी साधना का शुरुवात करते हो तब संकल्प लिया जाता है जैसे “ मै अमुक साधना अमुक (प्रत्यक्षीकरण,दर्शन,मनोकामना,षट्कर्म,सिद्धि) कार्य के लिये कर रहा हु,फिर मंत्र जाप का शुरुवात हो जाता है॰
अब यहा पे मैंने एक बात हमेशा देखि है जैसे साधना चलती है अप्सरा सिद्धि की और मन मे १०-२० बाते मंत्र जाप के समय मन मे दौड़ती रहेती है,मन स्थिर नहीं हो पाता है,अब आप ही बताओ येसे समय मे अप्सरा क्या सोचेगी,अगर आप का मन किसी दोस्त के बारे मे सोच रहा है तो उसे भी दोस्त के यहा जाना पड़ेगा,तो कभी मूवी देखने,तो कभी ऑफिस मे,तो कभी और कही न कही ............... आगे आप जाने और अप्सरा जाने...........

जब कोई साधक साधना करता है तो उसकी मानसिकता येसी होनी चाहिए की मै अब मंत्र जाप के समय कुछ सोचुगा ही नहीं,येसी इच्छाशक्ति होना चाहिए की अप्सरा को सिद्ध करना ही है और उसे तो अब आना ही पड़ेगा,इसी इच्छाशक्ति के बल पर आप अप्सरा को सामने किसी भी रूप मे प्रत्यक्ष कर सकते है,दुनिया मे आज तक येसा कोई भी सिद्ध  जन्मा नहीं होगा जिसने अपने इच्छाशक्ति को मजबूत करने के लिए कुछ भी प्रयास न किया हो,इसलिये आज उन्हे दुनिया सिद्ध मानती है,अब हमारी बारी है हमे भी इच्छाशक्ति को मजबूत बनाना ही है॰

 आत्मबल , सम्मोहन , कुंडलिनी शक्ति की कृपा इन तीनों क्रिया पे मै आगे लिखने की कोशिश करुगा परंतु आज इस ४ क्रिया मे उन्नति करने हेतु साधना आज ही देता हु


विधि: - जमीन पर थोडासा जल डालिए और जमीन को हाथो से पौछ लीजिये,अब उसी जगह कपूर की टिकिया रखनी है और तीन बार “ॐ नम: शिवाय” बोलते हुये कपूर को प्रज्वलित कीजिये,
जलते हुये कपूर की लौ को देखते हुये गुरुमंत्र का जाप करना है,जाप तब तक के आंखो मे पानी न आए,जब आंखो मे आसू आ जाएगे तो आँख बंद करनी है,उस समय आपके बंद आंखो के सामने एक तरहा का गोल-गोल प्रकाश दिखेगा,उसी प्रकाश मे देखते हुये आप फिर से गुरुमंत्र का जाप कीजिये और उस प्रकाश मे सदगुरुजी भगवान जी को देखने की कोशिश कीजिये,उस प्रकाश मे आपको १००% सदगुरुजी दर्शन देगे परंतु पहेले ही दिन नहीं,बल्कि कुछ डीनो बाद जब आपकी इच्छाशक्ति का विकास हो जाएगा तब,सिर्फ दर्शन ही नहीं देगे वह आपसे बात भी करेगे,यह क्रिया आपको स्टार्टिंग मे ३-४ बार करनी है और रोज करनी है,जैसे जैसे आप क्रिया रोज करोगे तो आपकी लौ के तरफ ध्यान करने की क्षमता बढ़ जायेगी,आप इस क्रिया को त्राटक भी कह सकते है और यह उसी तरह की क्रिया है,इसी क्रिया मे आप कुछ २-३ महीने के बाद जब कोई भी महाविद्या साधना करेगे तो माँ भी आपको दर्शन देगी,किसी भाई की इच्छाशक्ति ७-८ दीनो मे तीव्र होने लगती है तो किसिकों १-२ महीने भी लग सकते है,जब यह सारी क्रिया हो जायेगी तो साथ मे ही आपको रोज १ माला चैतन्य मंत्र का जाप आँख बंद करके करना है,माला गुरुमंत्र की भी ले सकते है,यह साधना सवेरे करेगे तो ज्यादा बेहतर रहेती ही॰

॥ ॐ क्लीं क्रीं रोम प्रतिरोम चैतन्यम कुरु जाग्रय जाग्रय क्रीं क्लीं ॐ फट ॥


इस मंत्र से सम्पूर्ण शरीर चैतन्य हो जाता है और साधक की उन्नति तेजि से होती है...



श्री सदगुरुचरनाश्रयह:.......

दुर्लभ वशीकरण प्रयोग॰


यह प्रयोग बड़ा ही आसान प्रयोग है और शीघ्र प्रभाव देने वाला भी,इसीलिए इस प्रयोग को दुर्लभ माना जाता है॰
वैसे भी यह प्रयोग कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को मंगलवार के दिन किया जाता है,परंतु हमारे कुछ भाई लोगो ने इस प्रयोग को मंगलवार , अष्टमी या कृष्ण पक्ष का कोई अच्छया तिथि हो सम्पन्न करके सफलता हासिल की है,और अब आप भी करके तो देखो॰ इस प्रयोग मे एक पान का पत्ता लेना है,ज्यो किसी पान के दुकान मे आसानी से मिल जाता है,और इस पत्ते को कथ्था लगाकर खाया जाता है (नागरवेल),तो इस पत्ते पे जिसे वश करना है उस व्यक्ति का नाम लिखे और नाम को देखते हुये निम्न मंत्र का जाप 108 बार करे और पत्ते पे तीन बार फुक मारे॰

॥ क्लीं क्रीं हुं क्रों स्फ़्रों कामकलाकाली स्फ़्रों क्रों हुं क्रीं क्लीं स्वाहा ॥


अब इस अभिमंत्रित पत्ते को अपने मुह मे डालकर धीरे-धीरे चबाते हुये निम्न मंत्र जाप जब तक पूरा पत्ता चबाना खत्म ना हो जाये तब तक करना है,

॥ ॐ ह्रीं क्लीं अमुकी क्लेदय क्लेदय आकर्षय आकर्षय मथ मथ पच पच द्रावय द्रावय मम सन्निधि आनय आनय हुं हुं ऐं ऐं श्रीं श्रीं स्वाहा ॥


जब पत्ता समाप्त हो जाये तो थोड़ा पानी पी लीजिये और जिसे वश करना हो उसका स्मरण करते हुये फिर से निम्न मंत्र का जाप 108 बार करे,

॥ क्लीं क्रीं हुं क्रों स्फ़्रों कामकलाकाली स्फ़्रों क्रों हुं क्रीं क्लीं स्वाहा ॥

 

बात सिर्फ ईतनी है की यह प्रयोग अछ्ये कार्य के कीजिये सफलता मिलती है,बुरे कार्य के लिए करोगे तो असफलता भी निच्छित है


विशेष: - इस साधना मे किसिभी माला की उपयुक्तता नहीं है,और प्रयोग करते समय शरीर पे किसी भी प्रकार का वस्त्र नहीं होना चाहिये,इतना सूत्र ध्यान मे रखिये॰                               





Using rare Captivate.

Using it is very simple to use and quick stop under the influence, so the experiment is considered rare.

Use it anyway Krishna party eighth date is Tuesday, but the use of some of our brothers logo Tuesday, eighth or Krishna party held by a Achcya to date have achieved success, and now you also have the look . The experiment is to take on a betel leaf, betel shop in a Jyo is easy to find, and the leaves are eaten Kththa (Nagrvel), then the power is on the cards and write the person's name In view of the chant to name 108 times and leaves on the bow, killing three.

Now the blessed leaves in your mouth gently chewing the chanting will not happen until the entire leaf to chew over,
If the card expires, take some water and have the power to make her remember the chant again to 108 times,

The point of this exercise is Itni enter Acye work brings success, hard work, failure to do so is also Nichchit

Specifically: - The suitability of the Rosary Kisibi in practice, and when used on the body should not wear any type, keep in mind that formula.



Aadesh.....

होलीका तंत्रम-महाविद्या साधना॰


यह सभी प्रयोग एक रात्री का है,जिन्हे होलिका दहन के पावन अवसर पर अवश्य सम्पन्न करे॰सभी यंत्र आपको गूगल पर ढूंडने पे मिल जायेगे,ज्यो भी यंत्र का आपको आवश्यकता होगा उसे आप भोजपत्र पे अंकित कर लीजिये,सारे प्रयोग अति तिष्ण और प्रभावशाली है,इन्हे होली के रात्रि मे करोगे तो और ज्यादा तिष्ण प्रभावशाली फल मिलेगा.



१-लक्ष्मी वशीकरण साधना


ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं सौं: हूं उग्रतारे हूं फट



सामग्री- तारा यंत्र,स्फटिक माला॰

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२-चित्रेश्वरी साधना  


भूत-भविष्य दर्शन साधना

मंत्र-

हसकल ह्रीं वद वद चित्रेश्वरी ऐं स्वाहा



सामग्री-तारा यंत्र,स्फटिक माला॰

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३-बगलामुखी वशीकरण मंत्र



॥ ॐ बगलामुखी सर्व-स्त्री-हृदयम मम वश्यम कुरु ऐं ह्रीं स्वाहा ॥

 


सामग्री-बगलामुखी यंत्र,हल्दी/पीली हकीक माला॰
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४-नवग्रह साधना



ॐ ह्रीं दूं ज्वल ज्वल शुलिनी द्रुष्ट ग्रह हूं फट स्वाहा



सामग्री-रुद्राक्ष माला,नवग्रह बाधा नाशक यंत्र॰

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इन चारो साधना का विधि फोन पे बता दुगा,ताकी साधना का चोरी ना हो,मंत्र चोरी हुआ तो कोई बात नहीं परंतु गोपनीय विधिया चोरी नहीं जाना चाहिये बस इसी बात को ध्यान मे रखते हुये फोन पे विधि बताने का चुनाव किया है,इस कष्ट के लिये मई आप सभी से माफी चाहता हु...........