5 Oct 2013

नवरात्रि के प्रयोग


यह प्रयोग दिखने मे साधारण है परंतु पूर्ण प्रभावशाली है,सिर्फ इनमे आपका विश्वास अटूट होना चाहिये क्यूके यह सभी प्रयोग माँ जगदंबा राणी के है जो इस संसार की जगत-जननी है...........

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१>    प्रथम दिवस पे लाल वस्त्र मे अपनी ३ मनोकामना बोलकर ३ लौंग बांधकर माँ के चरनो मे समर्पित करे और “ॐ ह्रीं कामना सिद्ध्यर्थे स्वाहा” का १०-१५ मिनिट तक जाप करे,दूसरे दिन सुबह पवित्र होकर लाल वस्त्र मे देखे कितनी लौंग बची हुयी है,अगर सारी लौंग गायब हो जाए तो समज लीजिये ३ कामनाये पूर्ण होगी,क्रिया का समय है रात्रि मे ११:३६ से ०१:४२ तक..........


२>    द्वितीय दिवस पर एक स्टील के प्लेट मे कुमकुम से स्वस्तिक बनाये और उस प्लेट मे अनार का शुद्ध रस भर दीजिये और वह प्लेट माँ के चरनोमे रखिये साथ मे आरोग्य प्राप्ति की कामना करे,आप चाहे तो किसी दूसरे व्यक्ति विशेष के लिए भी कर सकते है,इस प्रयोग मे अनार के रस को देखते हुये “ॐ ह्रीं आरोग्यवर्धीनी ह्रीं ॐ नम:” का ३० मिनिट तक जाप करना है,दूसरे दिन स्नान करे और फिर अनार के रस से स्नान करे और जल से फिर एक बार शुद्धोदक स्नान करे,किसी  और के लिए कर रहे हो तो उनका स्नान करे,संभव ना हो तो अनार के रस को पीपल के वृक्ष मे चढ़ा दीजिये......प्रयोग का समय शाम को ६:३० से ८ बजे तक......


३>    तृतीय दिवस पर ७ काली मिर्च के दाने लीजिये उसे सर से लेकर पैरो तक ७ बार उतारिये और काले वस्त्र मे बांधकर माँ के चरनो मे समर्पित करे और मंत्र का ३६ मिनिट तक जाप कीजिये “ॐ क्रीं सर्व दोष निवारण कुरु कुरु क्रीं फट”,इस प्रयोग से तंत्र बाधा समाप्त होती है,प्रयोग के बाद दूसरे दिन सुबह काले वस्त्र के पोटली को जल मे प्रवाहित कर दीजिये,साधना का समय रात्रि मे १० बजे से १२:२४ तक रहेगा...........


४>    चतुर्थ दिवस पर लाल वस्त्र मे कुमकुम से स्वस्तिक निकाले और स्वस्तिक पर ९ कमलगट्टे स्थापित करे,उनका पूजन करे,साथ मे २७ मिनिट तक “ॐ श्रीं प्रसीद प्रसीद श्रीयै नमः” मंत्र का जाप करे,समय होगा रात्री मे ७.५५ से १०.५८ तक॰साधना से पूर्व एवं दूसरे दिन माँ को प्रार्थना करे की मेरा जीवन आपकी कृपा से धन-धान्य-सुख-सौभाग्य युक्त हो,और वस्त्र सहित कमलगट्टे जल मे प्रवाहित कर दे........


५>    पंचम दिवस पर पाँच हरी इलायची माँ के चरनो मे समर्पित करे और व्यवसाय वृद्धि की कामना करे,साथ मे श्री सूक्त का ५ बार पाठ करे,और दूसरे दिन इलायची को किसी डिबिया मे संभाल कर रखे तो शीघ्र ही व्यवसाय मे वृद्धि एवं लाभ की प्राप्ति होती हे। साधना समय शाम ६.३० से रात्री ११ बजे तक.........


६>    षष्टम दिवस पर पाँच केले माँ के चरनो मे समर्पित करे और माँ से गुरुकृपा प्राप्ति की कामना करे और ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री शक्ति सिद्धये नमः” का ४५ मिनिट तक जाप करे॰ साधना का समय दोपहर ४.३० से रात्री मे ९ बजे तक रहेगा। दूसरे दिन केले छोटे बालको मे बाँट दे.....


७>    सप्तम दिवस पर १०८ हरी चूड़िया माँ के चरनो मे समर्पित करे,और माँ से बल,बुद्धि,विद्या एवं सुख प्राप्ति की कामना करे साथ मे “ॐ नमो भगवती जगदंबा सर्वकामना सिद्धि ॐ” का ३२४ बार उच्चारण करे तथा दूसरे दिन १२-१२ चूड़िया ९ कन्याओ मे बाँट दे....साधना का समय रात्री ९ बजे से १.३० बजे तक.......


८>    अष्टम-नवम दिन पर दो समय साधना करनी हैं,१२-१०-२०१३ को सुबह ६ से ७.४७ के शुभ समय पर १०९ लौंग की माला बनाये जिस मे १ लौंग मेरु होगा और इसी माला से “ॐ ७ ४ १ ५ २ ३ ६ ॐ दूं दुर्गायै नमः” इस विशेष अंक मंत्र का १ माला जाप करे, मंत्र का उच्चारण होगा “ॐ सात चार एक पाँच दो तीन छ: ॐ दूं दुर्गायै नमः”,मंत्र जाप के बाद माला को किसी दुर्गा जी के मंदिर जाकर शेर के गले मे पहना दे और अपनी विशेष कामना शेर के कान मे बोल दे या फिर आप माला को जहा कही दुर्गा जी के विग्रह की स्थापना हूई हो वहा भी यह कार्य कर सकते है,माला पहेनाने का समय होगा दोपहर मे ११:३० से १२:३० तक.......


९>    नवमी तिथि को ९ कुँवारी कन्या का पूजन करे और उन्हे उपहार स्वरूप काजल की डिब्बिया अवश्य दे,और ज्यादा से ज्यादा त्रि-शक्ति मंत्र का जाप करे “ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ॐ नमः”,कुँवारी कन्या पूजन का समय होगा सुबह ७:४८ से रात्री ६:५७ तक....................


१०>   यह दिवस विजय प्राप्ति का सर्व श्रेष्ठ दिवस है ज्यादा से ज्यादा गुरुमंत्र का जाप करे एवं “ॐ रां रामाय नमः” का जाप करे अवश्य ही आपको जीवन के प्रत्येक क्षेत्र मे पूर्ण विजय प्राप्ति होगी............................






श्री सदगुरुजीचरणार्पनमस्तु............................................................