29 Oct 2015

शाबर लक्ष्मी साधना.(चेटुक)

एक मनुष्य का यह स्वप्न रहता है की वह अपना जीवन वैभव और विलास मे बिताए. इस के लिए वह जीवन भर आय के विभ्भिन स्त्रोत पर कार्य करते हुए उन्नति की और प्रगतिशील होने के लिए हमेशा प्रयासरत रहता है. जीवन मे भोग और
मोक्ष दोनों ही पक्ष समान महत्वपूर्णता को समेटे हुए है. भोग पक्ष को जिसने जाना ही
नहीं वह मोक्ष पक्ष को पूर्णता के साथ समज सके यह मुश्किल है. जब किसी को भूख का अहसास नही है तब भोजन की तृप्ति क्या है यह कैसा समजा जा सकता है.
लक्ष्मी से सबंधित साधनाओ मे साबर साधनाओ का महत्व बहोत ही अधिक है, क्यूंकि यह प्रयोग जितने सरल होते है उतने ही तीव्र प्रभावकारी भी. प्रकट प्रभाव महेश प्रतापू – इन साबर मंत्रो के सबंधित कुछ बाते आपसे कहना चाहूँगा कुछ लोगो ने ये कहा है की इन मंत्रो मे आण (कसम)
दी जाती हे देवी देवताओ को की वो कार्य करने को बाध्य हो (जैसे की शिव को त्रिशूल पड़े, हनुमान चढ़े, जटा टूटे वगेरा) तो इन मंत्रो का प्रयोग कितना योग्य है और कितना उचित है?
यहाँ पे ये समजना जरुरी है की आखिर
साबर मंत्र कहा से आये है? महासाबर तन्त्र मे शिव खुद ही शक्ति को शाबर मंत्रो का ज्ञान देते है और कहते है की इन सब मंत्रो की रचना मुझसे ही हुई है. आगे दत्तात्रेय और नाथयोगीओ ने शिव की आज्ञा से ही इन मंत्रो की रचना की है
और उनकी तपश्या बल से ये मंत्रो को स्वयं सिद्धि का वरदान खुद भगवन भोलेनाथ से प्राप्त हुआ है.जहा तक आण की बात है ये आण देवी देवताओ के लिए नही है वरन उनशक्तिओ के लिए होती है जो की हमारा कार्य करती है. और वो भी महादेव की ही शक्तिया. इसका एक अर्थ ये
भी मान सकते है की इस प्रकार के मंत्र
शिव ने बताये है की कसम इस प्रकार से देने पर इस कार्य को टला नही जा सकता. यही विशेष साबर मंत्रो का रहस्य है.
साबर साधनाओ मे चेटूक साधनाए भी अत्यधिक प्रचलित रही है. जैसे यक्षिणी अप्सरा वगेरा गौण स्त्री शक्तिया मुख्य शक्ति की सेविका और उपासिका है, वैसे चेटूक देवी देवताओ के पुरुष उपासक और सेवक है. अगर उनके उपास्य सबंधित मंत्रो का जाप किया जाये तो ये तत्काल प्रसन्न होते है और निर्धारित कार्य
को पूरा करते है. लक्ष्मी से सबंधित कई चेटूक साधनाए है जिसमे साबर
प्रयोग भी सामिल है. यह प्रगोय करने पर व्यक्ति को कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते है जिनमे आर्थिक उन्नति, व्यापर
वृद्धि, आकस्मिक धनप्राप्ति सामिल है ही. साथ ही साथ सबंधित चेटूक की साधना मुख्यतः उस समय की जाती है जब
लक्ष्मी से सबंधित कोई विशेष इच्छा की
पूर्ति करनी हो. चेटूक एसी परिस्थितियों का निर्माण कर देता है की वह समस्या तुरंत ही दूर होती है.येसी ही यह अत्यधिक प्रभावशाली साधना को करने पर साधक को सौंदर्य सबंधित लाभ भी प्राप्त होता है
इस साधना को करने के लिए साधक के पास कमलगट्टे की माला होनी चाहिए
इसे शुक्रवार की रात्री मे १० बजे के बाद
ही शुरू करे दिशा उत्तर/पूर्व रहे.वस्त्र और आसान लाल रहे, अपने सामने लक्ष्मी का
चित्र स्थापित कर के उसकी सामान्य पूजा करे. धुप दीप और भोग लगाये.उसके बाद अत्यंत श्रद्धा के साथ निम्न मंत्र की ११ माला जाप करे.

मंत्र:-

ll ओम लक्ष्मी महादेवी कृपादायिनी सब कार्य साधो मेरे जीवन सिद्धि नमामि ओम श्रीं ह्रीं श्रीं कार्य पूर्ण करो देवी कोष सिद्धिं वाचा महादेव की ll




यह क्रम ११ दिन तक रहे, इसके बाद साधक इस मंत्र की रोज १ माला दिन या रात मे कभीभी कर ले .


(चेटूक महाराष्ट्र मे बहोत प्रसिद्ध है और जिन्हे चेटूक चाहिये वह व्यक्ति मुझसे सम्पर्क कर सकते है,यह सिर्फ महाराष्ट्र वाले समझते है जो की खास तौर पर मराठवाडा मे रहेते है.)
आदेश.....