17 Oct 2015

जिन-जिन्नात (बाधा निवारण)

यहा आज मै जिन-जिन्नात से परेशान लोगो के लिये कुछ लिख रहा हू.जो लोग जिन-जिनातो से परेशान है वो लोग शायद अब तक तांत्रिक,ओझा,मौलवीयो के पास जा-जाकर थक गये होगे और अब तक उनका इनके पीछे भटकर बहोत पैसा बरबाद हो गया होगा क्युके बहोत कम लोग जानते है सिर्फ मोवक्कील ही जिन-जिन्नातो से मुक्ती दे सकता है और परेशानि से राहत दे सकता है.जिन-जिन्नात कहा रहेते है और किस प्रकार के होते है ये मै पीछले आर्टिकल मे दे चुका है,आज इनसे बचने के लिये लिख रहा हु.


खुद काश ना,मोहम्मद का नूर,ख्वाजा की तस्बीह, कुल आजम हजूर,भेजो मोवक्कील,ल आए हजूर,बिस्मिल्लाह।

उपर जो मैने मंत्र (आमलियत) दिया है वो बरकत के लिये है और ये मोवक्कील का मंत्र है.मोवक्कील एक प्रकार का सरंक्षण करने वाला इस्लामी शक्ती है जिसमे बुरी ताकतो को खत्म करने की क्षमता अधिक होती है.

आज कल लोग दूसरे का बुरा करने के लिये बहोत सारे बुरी शक्ती का इस्तेमाल करते है और लोगो के जीवन को बरबाद कर देते है.जैसे तंत्र-मंत्र-यंत्र के माध्यम से दूसरो को तकलिफ देते है उनके घर मे अडचने पैदा करवा देते है.सब कुछ ठिक होते हुए भी बच्चे पैदा नही होते,इस बाधा को गर्भ स्तम्भन कहेते है.घर मे तनाव,आर्थिक समस्या,विनाकारण वाद-विवाद,मारहानी जैसे बुरे कर्म घर मे हो तो समज जाये आपके घर मे गृह-बंधन क्रिया है जिससे आपके घर मे उन्नति नही हो सकती है,बच्चे परीक्षा मे सफल नही होते,पैसा नही टिकेगा और घर मे बिमारिया ज्यादा रहेगी.

वैदिक ग्रन्थ गरुड़ पुराण में भूत-प्रेतों के विषय में विस्तृत वर्णन उपलब्ध है.अक्सर गरुड़ पुराण का श्रवण हिन्दू समाज में
आज भी मृतक की आत्मा की शान्ति के लिए तीसरे दिन की क्रिया से नवें दिन तक पढा जाता है और शोक संतप्त परिवार को इसके सुनने से राहत और तसल्ली मिलती है कि उनके द्वारा दिवंगत आत्मा का संही ढ्रंग से क्रियाकर्म हो रहा है.श्रीमद्भागवत पुराण में भी धुंधुकारी के प्रेत बन जाने का वर्णन आता है.भूत -प्रेत की अवधारणा उतनी ही पुरानी है जितना कि स्वयं मनुष्य है.अनेक देशों की लोकप्रिय संस्कृतियों में भूत प्रेतों का मुख्य स्थान है.सभी देशों की संस्कृतियों में भूत प्रतों से संबंधित लोक कथाएं तथा लिखित सामग्री पाई जाती हैं.जिसमें ईसाई, मुस्लिम, बौद्ध,
पारसी और चीनी, जापानी एवं अफ्रीकन संस्कृति प्रमुख है.मिस्र के पिरामिड आज भी दिन दहाडे डरावने भूतों के स्मारक है. इन स्मारको का सिर्फ बाहर से ही देखने की अनुमति है अन्दर जाने की नंही.
हिन्दू धर्म में ’’प्रेत योनि’’ इस्लाम में ’’जिन्नात’’ आदि का वर्णन भूत प्रेतों के अस्तित्व को इंगित करते हैं.पितृ पक्ष में हिन्दू अपने पितरों को तर्पण करते हैं. इसका अर्थ हुआ कि पितरों का अस्तित्व आत्मा अथवा भूत प्रेत के रूप में होता है.

जो लोग जिन-जिन्नात से परेशान है वो लोग चार मोवक्कील अपने घर के चारो कोनो मे जमीन मे गड्डा खोदकर गाड दे तो जिन-जिन्नात तुरंत भाग जाते है क्युके मोवक्कील के आस-पास भी जिन-जिन्नात भटकते नही है.एक मोवक्कील की किमत वही समझ सकता है जो परेशान हो.मोवक्कील सभी बुरी शक्तीको मार देता है.जिन्हे मोवक्कील चाहिये वो मुझसे सम्पर्क करे.आपको कोई ज्यादा विधि-विधान नही करना पडेगा और कम समय मे आपकी परेशानिया भाग जायेगी.


आदेश(प्रणाम)......