10 May 2016

जिन-जिन्नात सिद्धि.

जिन्नात और जिन्न अलग अलग है मगर यह हमारे बीच ही आम इन्सान की तरह ही रहते है और हम उन्हें पहचान नही पाते है । जिन्न व जिन्नातों में भी अच्छे बुरे होते है । जिन्नो को पांच रंग की मिठाई बहुत पसंद होती है और यह पवित्रता से रहते है । कुछ जिन्न येसे होते है जिनको ताजे बकरे का घोश चढाते है और उसके खुशबू से जिन्न घोश के पास आजाते है। जब जिन्न घोश के पास आये तो कुछ हरकतें दिखाई देता है,उसी समय बंधन मार देने से जिन्न काबु मे आजाता है। ये तरिका आसान है परंतु इस प्रक्रिया मे साधक को बहोत ज्यादा सावधानी से काम लेना पड़ता है। मै यहा आज एक येसा क्रिया बता रहा हू जिससे जिन्न सिद्धि आसान है। जिन्नो से काम करवाना बहोत कठिन माना जाता है क्युके वह हर काम के बाद अपनी मनपसंद चिजे मांगता है,जिसे उनको देना ही पडता है । परंतु मै जो क्रिया बता रहा हू इसमे सिर्फ पांच रंग का मिठाई ही देना पडता है,इस क्रिया मे जिन्न अपना मनपसंद चिज नही मांग सकता है।


इस्लाम मे "नादे-अली " बहोत प्रचलित है। आप चाहो तो गूगल पर "नादे अली" सर्च करके देखिये तो आपको पता चल जायेगा,इस दुनिया मे जितनी भी परेशानीया है उसको नादे अली का वझीफा (मंत्र) पढ़ने से हर परेशानी से मुक्ति मिलता है। हर समस्या का समाधान नादे अली का एक छोटासा वझीफा है परंतु हिंदू भाई/बहनो के लिये यह वझीफा पढना आसान कार्य नही है क्युके इस्लाम के नियमो का पालन करना नमाज़ पढना,ये किसी भी हिंदू को नही करना चाहिए। इसमे किसी भी प्रकार की गलती को माफी नहि है,इसलिये एक और तरिका है जिससे नादे अली जी से सभी कार्य आसानी से विनम्रता पुर्वक किये जा सकते है। नादे अली जी के प्रसन्न होने पर वह आसानी से साधक को जिन्न-जिन्नात दे देते है। उनको प्रसन्न करने से हर मुराद (इच्छा) पुर्ण हो सकती है,इसमे कोइ संशय नही है। चाहे नोकरी का समस्या हो,शादी या प्रेमविवाह का समस्या हो,शत्रु से पिडा का समस्या हो,काले जादू से परेशानी हो जिसे हम तंत्र बाधा कहते है तो इस प्रकारा से सभी समस्याओं का समाधान नादे अली जी कम समय मे ही करवा देते है।


मेरा एक मित्र का छोटा भाइ है,जो इंजिनियर के पढाई को पुरा करने के बाद मुम्बई मे मनचाहा नोकरी ढुंडने मे लग गया परंतु उसे नोकरी नही मिला। मैने उसको नादे अली का चिराग दिया और उसको इस्तेमाल कैसे करना है बता दिया। उसने जैसे चिराग का इस्तेमाल शुरु किया उसके 10 दिनो बाद ही उसको अच्छे जगहें से नोकरी करने के लिये बुलावा आया। वो इस चमत्कारा से हैरान हो गया और बताने लगा "भैय्या जहा जहा मैने अप्लाइ किया था,उसमे से 60% लोगो मुझे नोकरी देने के लिये तय्यार हो गये है"। फिर भी मैने उसको 24 दिनो तक चिराग का इस्तेमाल करने का राय दिया और 24 दिनो बाद एक फ्रेशर विद्यार्थी आज MNC मे अच्छे पद पर नोकरी कर रहा है।

एक ओर येसे मित्र है जिनका जिवन उनके पत्नि के वजेसे नर्क बन चुका था परंतु आज स्वर्ग के आनंद उठा रहे है। उनकी पत्नि अब उनके कहेनुसार काम करती है,आज उनकी पत्निपिडा समाप्त हो चुकी है। एक व्यापारी है पहेचान के जो आज के समय मे चिराग का इस्तेमाल पिछले कई महिनो से कर रहे है। उनका अनुभव बहोत बढिया रहा,एक तो घाटे मे चल रहा हुआ व्यापार अब उन्नति पर है और 4-5 लाख रुपये का कर्ज भी अब खत्म होने पर है।


नादे अली के चिराग का इस्तेमाल कोइ भी कर सकता है। इसमे किसी धर्म से जुड़ा कोइ सवाल नही है,जिसको भी किसी प्रकार का परेशानी हो वह नादे अली चिराग के इस्तेमाल से अपने सभी समस्याओं पर विजय प्राप्त कर सकता है।

नादे-अली-चिराग पर जिन्न को सिद्ध करना एक आसान कार्य है परंतु इसमे समय थोड़ासा ज्यादा लगता है। जैसे जिन्न को सिद्ध करने के लिये बकरे के घोश का इस्तेमाल करे तो तीन दिनो मे जिन्न सिद्ध होता है तो इत्र के खुशबू से सिद्ध करना चाहो तो 7-8 दिन लगते है। उद जो कइ प्रकार के होते है,इसमे तिलस्मी उद और एकधारी उद का इस्तेमाल करो तो 15-20 दिनो मे जिन्न सिद्ध होता है । नादे अली के चिराग का इस्तेमाल करो तो एक दिन मे भी हो सकता है या फिर ज्यादा से ज्यादा 41 दिनो मे जिन्न सिद्ध हो सकता है । अब ये अपनी किस्मत समजीये के एक दिन मे नादे अली जी को प्रसन्न करके जिन्न को सिद्ध किया जा सकता है अन्यथा नादे अली जी कुछ दिनो मे जिन्न तो दे सकते है। इस क्रिया मे हमे रोज 25-30 मिनट का समय देना पडता है,इतना समय जिन्न को सिद्ध करने के लिये कोई भी निकाल सकता है। क्रिया बहोत ज्यादा आसान है और इसमे सभी नियम आसान है।


इसमे हमारा ध्येय तो जिन्न को सिद्ध करने का है परंतु यह क्रिया करने से हमारे सभी समस्याओं का समाप्त होना भी सम्भव है। मै इस पोस्ट मे नादे अली जी के चिराग का फोटो भी दे रहा हूँ। इस चिराग को चैतन्य और जागृत किया जाता है ताकी साधक को पुर्ण सफलता मिल सके । इस चिराग का इस्तेमाल करना बहोत आसान है,इस पर अलग प्रकार के शाबर मुस्लिम मंत्रो का जाप करना होता है और यह मंत्र गोपनीय है,जो किताबें मे नही दिये गये है। इस पर वझीफा पढ़ने से शिघ्र कार्य सिद्ध होता है,हमारे तरफ से आपको जागृत चिराग प्राप्त होगा जो तिव्र काम करता है। जिन्न का चिराग तो हमने कुछ वर्ष पहिले टि.वी. मे किसी सिरियल मे देखा था,कहेते है येसे चिराग आज भी अरब देशो मे मौजुद है और उस चिराग को सिद्ध करने के गोपनिय मंत्र हमारे शाबर मंत्र विद्या मे आज भी हमे देखने मिलते है। इस प्रकार से कुरान (2:186) मे नादे अली जी का वझीफा दिया हुआ है,वह इस प्रकार से है-


“NAAD-E-‘ALI YYAM MAZHARIL ‘AJAAIBI TAJID HU ‘AWNALLAKA FINNAWAA IBI QULLU HAMINWWA ‘GHAMMIN SAYANJALI BI RAHMATIKA YA ALLAHU WABI NABUWWATIKA YA MUHAMMADU WABI WIL AYAATIKA YA ALIYYU YA ALIYYU YA ALI”


वझीफा पढ़ने से 360 प्रकार के फायदे "nad-e-ali-shareef" गूगल पर सर्च किया जाये तो आपको पढने मिलेंगे । हिंदू भाइओ के लिये यह वझीफा ( मंत्र ) पढना मुश्किल है,क्युके इसको इच्छापुर्ती के लिये पढ़ने हेतु कुछ नियम दिये हुए है। जिसे पालन करना हम हिंदूओं के लिये कठिन है परंतु इसको पढने का एक आसान तरिका भी है और वह तरिका हम नादे अली चिराग पर आसानी से पढ सकते है,जिसके नियम भी आसान है। जाग्रत चिराग पर मंत्र जाप करने से जिन्न सिद्धी निःसंदेह शिघ्र प्राप्त हो सकती है। आपको इसमे अवश्य सफलता मिलेगा यह मुझे विश्वास है,अनुभव के आधार पर यह लिखना कोइ बडी बात नही है के खोया हुआ प्यार,इज्जत और धन वापस पाना नादे अली जी के चिराग से आसान है।मुझे जिवन मे जब भी किसी चिज का जरुरत पडता है तब मै नादे अली जी के चिराग का इस्तेमाल करता हूं और मेरा काम हो जाता है। जिस साधक को यह जाग्रत चिराग प्राप्त करना हो वह ईमेल से सम्पर्क कर सकते है- amannikhil011@gmail.com पर । चिराग के साथ सभी प्रकार का मंत्र विधि-विधान भी दिया जायेगा,जिसके पास नादे अली जी का चिराग हो उसको दुनिया के सामने हाथ फैलाने का जरुरत नही पडता है। वह जब चाहे खुद ही अपना मनचाहा मुराद पुरा करवा सकता है। जाग्रत नादे अली जी का चिराग 3100/-रुपये मे दिया जायेगा और एक बार गूगल पर नादे अली जी के बारे मे सर्च करके देखिये तो आप सभी साधक खुद ही जान जायेगे "अब आपका प्रत्येक मनोकामना पुर्ण होनेवाला है"। इस बार तो आपको जिन्न सिद्ध करना ही है और मुझे विश्वास है आप सभी साधको पर के "आप इस बार जिन्न को सिद्ध किये बिना नही रहोगे "। आप सभी पर मातारानी को असिम कपा बरसे,यही मातारानी से प्रार्थना करता हूं।



'काफिर के हक में कहरे खुदा है अली का नाम, मोमिन के हक में रद्दे बला है अली का नाम, 'यावर' लबे हयात पे नादे अली रहे, मुश्किल में बेहतरीन दुआ है अली का नाम'।



नोट:-इस चिराग से किसी भी प्रकार का कोई भी बुरा कार्य ना करे । यह चिराग कोई साधारण चिराग नही है,इससे अच्छे कार्य करने चाहिये । हो सकता है कुछ साधक चिराग से अनजान व्यक्ति पर वशीकरण प्रयोग करे,वशीकरण प्रयोग सफल तो हो जायेंगा परंतु ज्यादा समय तक उसका असर नही रहेगा । इसलिये जब भी आप येसे प्रयोग करो तो सोच समझकर करे,जो दिल से सच्चा प्रेम करते है,उन्हें तो यह चिराग बहोत अच्छे परिणाम देगा। मै आशा करता हू,कोई भी व्यक्ति चिराग का गलत इस्तेमाल नही करेगा ।





आदेश......